सेनावती (चतुस्र जाति त्रिपुट) [नेत्र पा]
जाल-मेल-रघुपते श्री-पते ।
नील-कण्ठ-सन्नुत-सन्मते ।
नील-वर्ण-दिनकर-कुल-पते पालिञ्चु-श्री-राम-भूपते ।
करुणा-कटाक्श येल-उपेक्श दुष्ट-शिक्षक शिष्ट-रक्षक ।
सरसिजाक्ष सुर-नर-रक्षक सुजन-पक्ष मुरळि-भक्त-रक्षक ॥
हनुमतोडी (खण्ड जाति त्रिपुट) [नेत्र श्री]
त्यागराज-गुरुं भजेहं तामसादि-गुण-रहितं तत्वज्ञम् ।
त्याग-योग-विदं यतिवरम् ।
सत्-गति-प्रदायकं सत्-गुण-शीलं सरस-मुरळि-गान-लोलम् ॥
धेनुका (रूपक) [नेत्र गो]
रावैय रामैय पालिम्पवैय ।
सेवक जन कामित फल दायक श्री नायक ।
दीन बन्धो, दया सिन्धो ।
नीरधि बन्धन, नारद वन्दन ।
धेनुक रञ्जक धीर चित्ता, करुणाकर, मुरळि गान सुधाकर ॥
नाटकप्रिया (रूपक) [नेत्र भू]
परिपालय मां परम-पुरुष परन्धाम ।
सरसिज-नयन सुर-नुत-चरण ।
मुर-सम्हारण भव-भय-वारण ।
सरस-नाटक-प्रिय गिरि-धर ।
कलि-कल्मश-हर कमला-मनोहर ।
करुणाकर मुरळीधर-गान-लोल ॥
कोकिलप्रिया (चतुस्र जाति त्रिपुट) [नेत्र मा]
वाद मेल राधा मनोहर, सदानन्द हृदय ।
आदरिञ्चु श्रीधर, दामोदर ।
बृन्दावन विहारि शौरि ।
नील मेघ वर्ण, नील मणि माला भूषण, समर भीषण ।
लीला भाषण, शेष शयन, सदा मुरळि गान सुध रसास्वाद ॥
रूपवती (चतुस्र जाति त्रिपुट) [नेत्र षा]
पालय मां श्री-पर्वत-नन्दिनि ।
परिपालय मां परमेश्वरि गौरि ।
नीलकण्ठ-सति दया-मति शूलधर-मोहित-रूपवति ।
अगणित-मुनि-गण-पालिनि अनन्त-सुरारि-भञ्जनि त्रि-जगन्-मोहिनि ।
गज-मुख-जननि जगदानन्द-कारिणि मुरळि-गान-विनोदिनि ॥
[ अग्नि | रागाङ्ग रवळि | Indian Classical Music | Krishna Kunchithapadam ]
Last updated: Sun Jul 24 18:19:23 PST 2005
URL: http://geocities.datacellar.net/krishna_kunchith/ravaLe-dn/02-nAEthra.html